बचे रहेंगे कुछ ठूंठ, कुछ झाड़ियां
और मुठठी भर पेड़
जिन पर होंगे
कुछ खाली घोंसलों के ढेर
जिन्हें छोड़ कर
कब के उड़ चुके होंगे
पंछियों के दल
जंगलों के उजड़ने से पहले
........
पेड़ पंछियों और पुरनियों के किस्सों की
मद्धिम तान गूंजेगी कुछ दिन
जंगल के बाशिंदों के बीच
जो छूटे रह गए
या बिछुड़ गए भगदड़ के शोर में
और जो ढूंढ रहे हैं
बरसों से अपना घर
टूटती हुई सांसो और
खोए हुए सपनों के मलबों के बीच
........
पर
यकीन है इतना कि
कभी तो दिन बदलेंगे
और जंगल में फ़िर से
उग आएंगे
सदाबहार पेड़ों के झुंड के झुंड
और देर होने से पहले
और सब कुछ खत्म होने से पहले
लौटेंगे पंछियों के दल के दल
अपने अपने बसेरों में
........
........
और मुठठी भर पेड़
जिन पर होंगे
कुछ खाली घोंसलों के ढेर
जिन्हें छोड़ कर
कब के उड़ चुके होंगे
पंछियों के दल
जंगलों के उजड़ने से पहले
........
पेड़ पंछियों और पुरनियों के किस्सों की
मद्धिम तान गूंजेगी कुछ दिन
जंगल के बाशिंदों के बीच
जो छूटे रह गए
या बिछुड़ गए भगदड़ के शोर में
और जो ढूंढ रहे हैं
बरसों से अपना घर
टूटती हुई सांसो और
खोए हुए सपनों के मलबों के बीच
........
पर
यकीन है इतना कि
कभी तो दिन बदलेंगे
और जंगल में फ़िर से
उग आएंगे
सदाबहार पेड़ों के झुंड के झुंड
और देर होने से पहले
और सब कुछ खत्म होने से पहले
लौटेंगे पंछियों के दल के दल
अपने अपने बसेरों में
........
........
11 comments:
सुन्दर आशावादी रचना ... बहार ज़रूर आयेगी ...
6/10
उदासी से उम्मीद तक का बहुत सुन्दर पुल, जिस पर चलकर रचना पाठक के दिल तक आसानी से पहुँचती है.
गहरी बात कह दी आपने। नज़र आती हुये पर भी यकीं नहीं आता।
- बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.
लौटेंगे पंछियों के दल के दल
अपने अपने बसेरों में...
बहुत सुंदर ...आस की जोत जलाती अच्छी कविता।
काश,ऐसा ही हो । अच्छी रचना है ।
आखिरी पंक्तियाँ तो कमाल की हैं..... आशावादिता और सकारात्मकता की सुंदर बानगी.....
बहुत अच्छी रचना लिखी है आपने ....
परमात्मा ने हमें खुशबूदार फूल बनाया है, क्या हम यह खुशबू सब तक फैला रहे हैं। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
विचार-नाकमयाबी
सकारात्मक सोच लिए हुए अच्छी रचना ....अच्छी प्रस्तुति
हरी भरी धरती पर सूर्य उगाती रचना.
Dard bahut hai jamane main,
Lekin kam bhi nahi hai apki rachna main.
Great.
@Indranil Bhattacharjee ji,
@उस्ताद जी,
@संजय भास्कर जी,
@mahendra verma ji,
@गिरिजा कुलश्रेष्ठ जी,
@डॉ॰ मोनिका शर्मा जी,
@मनोज कुमार जी,
@संगीता स्वरुप जी,
@Bhushan ji,
@Tarkeshwar Giri ji,
रचना सराहने और अपना स्नेहाशीष देकर उत्साहवर्द्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. आशा है कि आगे भी आप सभी का स्नेहाशीष, सहयोग और मार्गदर्शन मिलता रहेगा. आभार.
सादर
डोरोथी.
Post a Comment