सपने भी तो
टूटने और मिटने के बाद भी
बसते हैं मन के
सूने अंधेरे कोनों में
उम्मीद के अंसख्य बीज लिए
कि देंगे जन्म नए सपनों की
अनगिन फ़सलों को
और कि
उन सपनों की रोशनी में
कुछ पल और जी लेंगे
क्योंकि सपने कभी मरते नहीं
नए रंगो से लिखी
नई इबारतें लिए
प्रवेश करते हैं
हमारी दुनियाओं में
और रच बस जाते हैं
श्वास और धड़कन में
नई सुमधुर संगीत लहरियां बनकर
उम्मीद की रोशनी को
बुझने से बचाने के लिए
हम भले हो चुके हों नाउम्मीद
पर जिंदगी कभी उम्मीद नहीं खोती
उम्मीद के हर कतरे में
बसती है जिंदगी
और जिंदगी के हर कतरे में
बसते है सपने
और हर सपने में
छुपे रहते है
उम्मीद के बीज
जिनसे
फ़िर से
जन्मती और पनपती हैं
जिंदगी उम्मीद और सपने
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