मेरे पिताजी ने जिंदगी के उतार चढ़ाव भरे हर सफ़र को सहज भाव से जिया. अपने परिवेश के प्रति संवेदनशीलता और सजगता ने उन्हें पारिवारिक जीवन के साथ साथ सामाजिक सरोकारो से भी जोड़े रखा. आज भी पक्षाघात के शिकार होने के बावजूद भी उन की संघर्षरत मानसिकता की लौ मद्धम नहीं पड़ी है. सब कुछ के बावजूद उनका सहज सरल और रागात्मकता भरा जीवन मेरा प्रेरणास्रोत रहा है.
मैं परमेश्वर पिता से उनके जीवन में एक और साल बढ़ाने के लिए धन्यवाद के साथ, उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए, अपनी दो कविताएं उन्हें समर्पित करती हूं.
मैं परमेश्वर पिता से उनके जीवन में एक और साल बढ़ाने के लिए धन्यवाद के साथ, उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए, अपनी दो कविताएं उन्हें समर्पित करती हूं.
गिद्धों और सियारों की टोली से....
खबरदार
अभी नहीं हुआ है सब कुछ खत्म
अभी तो है जिंदगी से जंग बाकी
अभी तक नहीं टूटी है सांसे
अभी तो है थोड़ी सी आस बाकी
........
अभी इन बूढ़ी आंखों में आग है बाकी
अभी बूढ़ी हड्डियों में दमखम है कायम
इन बुझती आवाजों में ललकार है बाकी
भले ही हो टूटी फूटी हमारी तलवारें
पर फ़िर से युद्ध लड़ने को
उनमें झंकार और टंकार है बाकी
........
हमारे बच्चे किसी के गुलाम नहीं
राजसिंहासन के उनके दावे अभी है बाकी
अभी वे थक कर सोए है जरा देर को
बिसात पर उनकी चाल अभी है बाकी
........
........
रोशनी का जंगल
बिखरे हैं
बेतरह उलझे / अंधेरों के झाड़ झंखाड़
उखाड़ उन्हें रोप दूंगी अब मैं
हर तरफ़ / रोशनी की बेलें
और तब / फूटेगी यहां वहां
कली.... कली.... रोशनी की डली
उग आएगा चारों ओर / एक
रोशनी का जंगल !
........
........
दीपावली की शुभकामनाएं
इस ज्योति पर्व का उजास
जगमगाता रहे आप में जीवन भर
दीपमालिका की अनगिन पांती
आलोकित करे पथ आपका पल पल
मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
सुख समृद्धि शांति उल्लास की
आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर
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खबरदार
अभी नहीं हुआ है सब कुछ खत्म
अभी तो है जिंदगी से जंग बाकी
अभी तक नहीं टूटी है सांसे
अभी तो है थोड़ी सी आस बाकी
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अभी इन बूढ़ी आंखों में आग है बाकी
अभी बूढ़ी हड्डियों में दमखम है कायम
इन बुझती आवाजों में ललकार है बाकी
भले ही हो टूटी फूटी हमारी तलवारें
पर फ़िर से युद्ध लड़ने को
उनमें झंकार और टंकार है बाकी
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हमारे बच्चे किसी के गुलाम नहीं
राजसिंहासन के उनके दावे अभी है बाकी
अभी वे थक कर सोए है जरा देर को
बिसात पर उनकी चाल अभी है बाकी
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रोशनी का जंगल
बिखरे हैं
बेतरह उलझे / अंधेरों के झाड़ झंखाड़
उखाड़ उन्हें रोप दूंगी अब मैं
हर तरफ़ / रोशनी की बेलें
और तब / फूटेगी यहां वहां
कली.... कली.... रोशनी की डली
उग आएगा चारों ओर / एक
रोशनी का जंगल !
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दीपावली की शुभकामनाएं
इस ज्योति पर्व का उजास
जगमगाता रहे आप में जीवन भर
दीपमालिका की अनगिन पांती
आलोकित करे पथ आपका पल पल
मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
सुख समृद्धि शांति उल्लास की
आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर
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21 comments:
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये
बहुत अच्छी रचनाएँ साझा की..... बेटी के जीवन के ऐसे शक्ति स्तंभ पिता को प्रणाम..... दिवाली की शुभकामनायें आपको भी
आपके पिता जी के जन्मदिन की और दीपावली की शुभकामनाएँ. इस अवसर पर आपकी कविताओं का दमख़म सुंदर बन पड़ा है.
सभी रचनाएं बहुत अच्छी लगी। पिताजी के जन्म दिन पर आपको भी शुभकामनाएं।
चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार
पिता जी के जन्मदिन पर उनको और आपको शुभकामनाएं ...
रचनाएँ बहुत अच्छी हैं विशेष तौर से रोशनी का जंगल ...
दीपावली की शुभकामनाएं
आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को दीपावली पर्व की ढेरों मंगलकामनाएँ!
आप सभी को खासकर इमानदार इंसान बनने के लिए संघर्षरत लोगों को दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें....
आपके पिता जी के जन्मदिन की और दीपावली की शुभकामनाएँ.
सुहानी लगे हर गली आपको,
लगे फूल-सी हर कली आपको.
सुखी रक्खें बजरंगबली आपको,
मुबारक हो दीपावली आपको.
कुँवर कुसुमेश
दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं
6.5/10
दोनों ही कवितायें सुखद-सार्थक और पठनीय हैं. दोनों ही रचनाओं का फ्लेवर एक सा है. दोनों ही कविताओं में आशा, उम्मीद, परिवर्तन की जद्दोजहद, विश्वास और संकल्प के स्वर हैं.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये !
आपके पिताजी को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें !
आपकी रचनाएँ बहुत सुन्दर हैं !
आपके पिताजी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें।
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।
peetaji ko janmdin ki haardik shubhkamnayen!!!!
sundar rachnayen lekar aayi hain aap!
lekhani yun hi chalti rahe!!!!
deepotsav ki anant shubhkamnayen....
उम्मीद और साहस का यह दीया सदा जलता रहे।
पिताजी को जन्मदिवस की असीम शुभकामनाएँ और आप पटाखोँ के साथ दीपावली मनाएँ
दीपावली का ये पावन त्यौहार,
जीवन में लाए खुशियां अपार।
लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार,
शुभकामनाएं हमारी करें स्वीकार।।
आपको सपरिवार दीपावली की शुभ कामनायें
सुन्दर पोस्ट.. और कविता भी बहुत प्रभावशाली .. शुभकामनायें..
ye tewar mujhe bahut pasand hai.. kyunki iss se soch ka pata chalta hai..bahut khoob..
बहुत अच्छी लगीं दोनों ही रचनाएँ
आपकी कविताएं बहुत अच्छी लगी । मैं आपके पिताजी के लिए प्रभु से यही चाहूँगा कि मेरी उम्र के कुछ वर्ष उन्हें दे दे । अपने दो मुक्तक आपके और आपके परिवार के लिए पेश करता हूँ- जीवन में हैं मुस्कानें भी सन्नाटा टूटेगा ।
खुशियाँ आ ही जाएँगी यह वक्त नही रूठेगा ।
भोर तो होकर रहेगी मन इतना तो निश्चय मानो
किरणों का गागर नील गगन में जब-जब फूटेगा ।1 X
अँधेरों को ठोकर लगाते चलो ।
उजालों से दामन सजाते चलो ।
आँसुओं की कहानी जीवन नहीं ।
मत आहें भरो ,गीत गाते चलो ॥ 11
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