काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
और महज एक दिन के लिए नहीं
वरन् हमेशा के लिए सबके जीवन में बस जाए
शामिल हो जिंदगी के जुलूस में हाशिए के परे जीने वाले
और अविश्वास की धुंध में लिपटे हमारे जीवनों में
उम्मीद और विश्वास की उज्जवल रोशनी जगमगाए.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब अन्देखती वीतरागी आखों में भी
हर पल नई नई स्वप्न लहरियां झिलमिलाएं
थके हारे टूटे पराजित हॄदय भी
अपने दर्द से मूक अधरों से
उमंग और उल्लास के चमकीले गीत गाएं.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब हमारा जीवन एक नई सृष्टि बन जाए
हमारी उदासीन हॄदयहीन दुनियाओं में
प्रेम का समंदर अनंत काल तक लहराए
हमारी बेसुरी कटु कोलाहलमय जीवनों में/ वो प्रेम
किन्हीं सुमधुर संगीत लहरियों की बारिश बन बरसे.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब देर से रूके थमे समय की भी चाल बदल जाए
जीवन की परिधियों के परे परिक्रमा करती जिंदगियों को
उम्मीद और परिवर्तन की ठंडी बयार हौले से छूकर गुजर जाए
जीवन की पटरी से उतरी हुई सभी जिंदगियां भी
सही सलामत अपनी अपनी मंजिलों तक पहुंच जाए.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब हर अंत की हो एक नई और सुंदर शुरूआत
जिंदगी तो चलती रहती है अनवरत अविराम
देती है असंख्य अवसर बदलने के खुद को और अपने जीवन को
गतिहीनता के भंवर मे छटपटाते जीवन भी सहेज उन सौगातों को
सब कुछ को भूल आगे बढ़ने या पीछे छूटे जीवन को लौटकर सहेजने का बल पाए.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब अन्याय और शोषण से जूझते/बुझते जीवनों का अंधेरा छट जाए
उनकी गुंजलक भरी दमघोटूं जकड़ से वे सभी मुक्ति के स्वप्न सजाए
अन्याय और शोषण से लड़ते लड़ते थक न जाए मुठठी भर लोग
टूट न पाए विरोध की कड़ी, उनके साथ क्यों न शामिल हो जाए हम सभी/ कि घबराकर
ढह जाए जल्द ही अन्याय और शोषण के आतंक का निरंतर बढ़ता हुआ साम्राज्य.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब अपने घरों को अपने कंधों पर टांगे घूमते दर-ब-दर
सभी बेघर निर्वासित विस्थापित मजबूर बेबस लोग
जो थक गए है अजनबी दुनियाओं में भटकते भटकते
कि आस न टूटे उन सूने घरों की जो देखता है सपने उनके वापसी का/
खत्म हो प्रतीक्षा, उनकी धरती उनके आकाश की जो बाट जोहता है सबकी आज भी.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
गरीबी भुखमरी अशिक्षा और बेरोजगारी के अभिशापों से
अकेले ही जूझती लाचार बेबस जिंदगियां
बने न मात्र किसी भी सांख्यिकी का महज एक हिस्सा
उन्हे भी मिले सम्मानजनक और गरिमामय जीवन का अधिकार
तिल तिलकर जीने मरने के अनवरत क्रम में कुछ तो बचा रहे जीने लायक.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
पल पल उजड़ती प्रकृति के विनाश का सिलसिला थम जाए
बनकर न रह जाए महज वो किस्से कहानियों की दुनिया
बचा रहे उन हरे भरे जंगल पर्वत पहाड़ और नदियों का संसार
सबके लिए बचा रहे हरियाली का सपना कोयल और मैना के गीतों सा
कि कहीं गुम न हो पेड़ पत्तियों पंछी और मछलियों का पारदर्शी झिलमिलाता संसार सपनों तक से.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
दिन-ब-दिन सिकुड़ती दुनिया और सिकुड़ते दिलों के बीच हम मनुष्य बने रहने का मोल चुकाएं
बनाएं हम मेल प्रेम सद्भावना और संवेदना और सहिष्णुता के ढेरों पुल/ दूरियों को पाटने हेतु
और टूटती बिखरती इस दुनिया को प्रेम और अपनेपन से सहेज संभाल /रखें बचा कर
ये दुनिया आने वाले सभी बच्चों के लिए जिन्हें मिले एक स्वर्ग सी सुंदर दुनिया
हमारे बाद भी जिसमें वे मिलजुल कर रहें और बढ़ें मिलकर हंसते गाते सभी स्वर्णिम भविष्य की ओर.
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और महज एक दिन के लिए नहीं
वरन् हमेशा के लिए सबके जीवन में बस जाए
शामिल हो जिंदगी के जुलूस में हाशिए के परे जीने वाले
और अविश्वास की धुंध में लिपटे हमारे जीवनों में
उम्मीद और विश्वास की उज्जवल रोशनी जगमगाए.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब अन्देखती वीतरागी आखों में भी
हर पल नई नई स्वप्न लहरियां झिलमिलाएं
थके हारे टूटे पराजित हॄदय भी
अपने दर्द से मूक अधरों से
उमंग और उल्लास के चमकीले गीत गाएं.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब हमारा जीवन एक नई सृष्टि बन जाए
हमारी उदासीन हॄदयहीन दुनियाओं में
प्रेम का समंदर अनंत काल तक लहराए
हमारी बेसुरी कटु कोलाहलमय जीवनों में/ वो प्रेम
किन्हीं सुमधुर संगीत लहरियों की बारिश बन बरसे.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब देर से रूके थमे समय की भी चाल बदल जाए
जीवन की परिधियों के परे परिक्रमा करती जिंदगियों को
उम्मीद और परिवर्तन की ठंडी बयार हौले से छूकर गुजर जाए
जीवन की पटरी से उतरी हुई सभी जिंदगियां भी
सही सलामत अपनी अपनी मंजिलों तक पहुंच जाए.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब हर अंत की हो एक नई और सुंदर शुरूआत
जिंदगी तो चलती रहती है अनवरत अविराम
देती है असंख्य अवसर बदलने के खुद को और अपने जीवन को
गतिहीनता के भंवर मे छटपटाते जीवन भी सहेज उन सौगातों को
सब कुछ को भूल आगे बढ़ने या पीछे छूटे जीवन को लौटकर सहेजने का बल पाए.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब अन्याय और शोषण से जूझते/बुझते जीवनों का अंधेरा छट जाए
उनकी गुंजलक भरी दमघोटूं जकड़ से वे सभी मुक्ति के स्वप्न सजाए
अन्याय और शोषण से लड़ते लड़ते थक न जाए मुठठी भर लोग
टूट न पाए विरोध की कड़ी, उनके साथ क्यों न शामिल हो जाए हम सभी/ कि घबराकर
ढह जाए जल्द ही अन्याय और शोषण के आतंक का निरंतर बढ़ता हुआ साम्राज्य.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब अपने घरों को अपने कंधों पर टांगे घूमते दर-ब-दर
सभी बेघर निर्वासित विस्थापित मजबूर बेबस लोग
जो थक गए है अजनबी दुनियाओं में भटकते भटकते
कि आस न टूटे उन सूने घरों की जो देखता है सपने उनके वापसी का/
खत्म हो प्रतीक्षा, उनकी धरती उनके आकाश की जो बाट जोहता है सबकी आज भी.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
गरीबी भुखमरी अशिक्षा और बेरोजगारी के अभिशापों से
अकेले ही जूझती लाचार बेबस जिंदगियां
बने न मात्र किसी भी सांख्यिकी का महज एक हिस्सा
उन्हे भी मिले सम्मानजनक और गरिमामय जीवन का अधिकार
तिल तिलकर जीने मरने के अनवरत क्रम में कुछ तो बचा रहे जीने लायक.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
पल पल उजड़ती प्रकृति के विनाश का सिलसिला थम जाए
बनकर न रह जाए महज वो किस्से कहानियों की दुनिया
बचा रहे उन हरे भरे जंगल पर्वत पहाड़ और नदियों का संसार
सबके लिए बचा रहे हरियाली का सपना कोयल और मैना के गीतों सा
कि कहीं गुम न हो पेड़ पत्तियों पंछी और मछलियों का पारदर्शी झिलमिलाता संसार सपनों तक से.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
दिन-ब-दिन सिकुड़ती दुनिया और सिकुड़ते दिलों के बीच हम मनुष्य बने रहने का मोल चुकाएं
बनाएं हम मेल प्रेम सद्भावना और संवेदना और सहिष्णुता के ढेरों पुल/ दूरियों को पाटने हेतु
और टूटती बिखरती इस दुनिया को प्रेम और अपनेपन से सहेज संभाल /रखें बचा कर
ये दुनिया आने वाले सभी बच्चों के लिए जिन्हें मिले एक स्वर्ग सी सुंदर दुनिया
हमारे बाद भी जिसमें वे मिलजुल कर रहें और बढ़ें मिलकर हंसते गाते सभी स्वर्णिम भविष्य की ओर.
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72 comments:
aisa hi ho!
shubh-shubh nav varsh.
आमीन्।
नव वर्ष मंगलमय हो।
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
और महज एक दिन के लिए नहीं
वरन् हमेशा के लिए सबके जीवन में बस जाए
शामिल हो जिंदगी के जुलूस में हाशिए के परे जीने वाले
और अविश्वास की धुंध में लिपटे हमारे जीवनों में
उम्मीद और विश्वास की उज्जवल रोशनी जगमगाए.
kassh 2011 me aisa hi har din aaye...
bahut behtar kavita..........shandaar..")
Dorothy jee...nav varsh ki shubhkamnayen.aaapko bhi
नया वर्ष उम्मीदों का वर्ष हो.. यही कामना है.. आपकी कामनाओं में मैं साथ हूँ..
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .
nav varsh ki mangal kaamnaayein!
नव वर्ष 2011
आपके एवं आपके परिवार के लिए
सुखकर, समृद्धिशाली एवं
मंगलकारी हो...
।।शुभकामनाएं।।
सुंदर प्रस्तुति......नूतन वर्ष २०११ की आप को हार्दिक शुभकामनाये.
अत्यंत प्यारी रचना ...या फिर हर ह्रदय से ऐसी उठने वाली कामना से सजी रचना .आपको नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें
बेहतरीन रचना। बधाई। आपको भी नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं !
वह सुबह कभी तो आयेगी।
बहुत सुन्दर अभिलाषा,ऐसी सुबह जरूर आएगी। नववर्ष की शुभकामनाएं।
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब हमारा जीवन एक नई सृष्टि बन जाए
हमारी उदासीन हॄदयहीन दुनियाओं में
प्रेम का समंदर अनंत काल तक लहराए
xxxxxxxxxxxxxxxxx
क्या कहूँ इन पंक्तियों के बारे में...बहुत सुंदर कामना की है आपने ...शुक्रिया
आपको नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ...आशा है नव वर्ष आपके जीवन में नित नयी खुशियाँ लेकर आएगा ..शुक्रिया
आपने नववर्ष से जितना कुछ माँगा है मैं उसका कायल हूँ. ऐसी आकांक्षाओं के साथ आपने प्रभु से जो कहा है उसे सारी मानवता धरती पर होते देखना चाहेगी. नए साल की ढेरों हार्दिक शुभभावनाएँ.
जो सुबह आएगी अच्छी ही आएगी इसी आशा के साथ हर रात बीतनी चाहिये । आपको हर सुबह एक नया उत्साह, ऊर्जा और आनन्द लेकर आए । नया साल मुबारक हो ।
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब हमारा जीवन एक नई सृष्टि बन जाए
हमारी उदासीन हॄदयहीन दुनियाओं में
प्रेम का समंदर अनंत काल तक लहराए
हमारी बेसुरी कटु कोलाहलमय जीवनों में/ वो प्रेम
किन्हीं सुमधुर संगीत लहरियों की बारिश बन बरसे.
ऐसी सुबह आ तो रही है डोरोथी जी,
बस 2011 की सुबह होने का इंतज़ार करिये.
very very happy new year to you.
सुंदर आशाओं और सुंदर सपनों की एक सुंदर कविता. बधाई. नए वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
और महज एक दिन के लिए नहीं
वरन् हमेशा के लिए सबके जीवन में बस जाए
शामिल हो जिंदगी के जुलूस में हाशिए के परे जीने वाले
और अविश्वास की धुंध में लिपटे हमारे जीवनों में
उम्मीद और विश्वास की उज्जवल रोशनी जगमगाए.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
महिला ब्लॉगरों में केवल आप हैं जिनकी कविताओं में हमेशा आशा,प्रेम,विश्वास और जीवन के तत्व विद्यमान रहे हैं। नववर्ष की शुभकामनाएँ लीजिए।
नया वर्ष उम्मीदों का वर्ष हो, यही कामना है|
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं|
ऐसी सुबह जरूर ही आयेगी मुझे विश्वास है
प्रभु सबकी सुनता है सभी को उससे आस है.
नूतन वर्ष अभिनन्दन के साथ. अश्विनी रॉय
2011 का आगामी नूतन वर्ष आपके लिये शुभ और मंगलमय हो,
हार्दिक शुभकामनाओं सहित...
मैं आपके इस ब्लाग को फालो कर रहा हूँ आप भी कृपया मेरे ब्लाग नजरिया को फालो कर मुझे सहयोग प्रदान करें । धन्यवाद सहित. प्रतिक्षा में...
www.najariya.blogspot.com 'नजरिया'
मेरी भी शुभकामनाएँ स्वीकार कीजिए।
aameen... naye varsh ki shubhkamnayen
सर्वे भवन्तु सुखिनः । सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु । मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें, और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े .
नव - वर्ष 2011 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
-- अशोक बजाज , ग्राम चौपाल
बहुत भावपूर्ण कविता |बधाई | मेरे ब्लॉग पर आना और प्रोत्साहन अच्छा लगता है | आपको नव वर्ष की शुभकामनाएं |इसी प्रकार स्नेह बनाए रखिये |
आशा
आमीन ....जो भी आपने लिखा काश सच हो जाये .......
प्यारी सी नव वर्ष की शुभकामना के लिए बहुत धन्यवाद ...
आपको भी नव वर्ष की बहुत बहुत सुभकामनाये ....
सुन्दर भावनाओं से लबरेज कविता !
मौजूदा दौर में ऐसे ही सपनों को साकार करने की आवश्यकता है !
आपको सपरिवार नव वर्ष की अनंत मंगलकामनाएं !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
सुंदर कविता
नव वर्ष आपके लिए मंगलमय हो.....
वो सुबह कभी तो आएगी।
शुक्रिया।
काश कि नववर्ष कुछ ऐसी ही सुब्ह लिए आये .....!!
काश ये सुन्दर पंक्तिया सच हो जाये , ऐसी प्रार्थना होगी प्रभु से . आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये .
आमीन !
आपको और आपके परिवार को नए साल की शुभकामनायें !
aap ka bahut 2 hardik aabhar aap ne mere blog pr apna mt bheja sneh v smvad ban rhe
pun kotsh:shubhkamnayen
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
सुंदर कविता .. बेहद सुन्दर भाव .. स्वार्थ से दूर सभी के लिए हर मजबूर, हर इंसान, हर बच्चे के लिए लिखी आपकी ये कविता बहुत सुन्दर लगी .. सबके लिए ऐसी सुबह जरूर आये एक दिन नहीं हमेशा हमेशा ....
नव वर्ष आपके और आपके परिवार और मित्रों के लिए मंगलमय हो.....
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति - अच्छी पोस्ट ,नववर्ष की शुभकामनाएं । "खबरों की दुनियाँ"
ऐसा ही हो!
शुभकामनाएं!
थके हारे टूटे पराजित हॄदय भी
अपने दर्द से मूक अधरों से
उमंग और उल्लास के चमकीले गीत गाएं....
आमीन !
ये सुबह कभी तो आएगी ...
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
aapko bhi navvarsh ki aseem shubhkamnayen
kavita aur kavita me chhupa sandesh bahut sundar hai
bahut sunder rachna.. ummeed hai, naye saal me sabhi manokamnaye poori hongi.. happy new year
आमीन!
आशीष
---
हमहूँ छोड़के सारी दुनिया पागल!!!
लगता है इश्वर से बहुत प्यारा दिल लेकर आयीं है आप ....शुभकामनायें
नववर्ष मंगलमय हो आपके समस्त परिवार के लिए...
बहुत ही अच्छी कविता.
नववर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएँ.
'सी.एम.ऑडियो क्विज़'
हर रविवार प्रातः 10 बजे
जाग के देखें तो हर पल सौगातों से भरा है, है न ? आपको भी नए वर्ष की ढेरों बधाईयाँ !
सच्चे मन की सच्ची कामना - बहुत सुंदर. नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
पल पल उजड़ती प्रकृति के विनाश का सिलसिला थम जाए ...
आमीन ... भगवान् करे नया साल ऐसा ही हो ... बहुत संवेदनशील मन से लिखी रचना ....
आपको और आपके पूरे परिवार को नव वश मंगलमय हो ....
ऐसी सुबह का इंतजार मुझे भी है। आपकी भावनाएँ बहुत अच्छी हैं।
इसीलिए आपको नववर्ष की शुभकामनाएँ देते हुए अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है।
डोरोथी किस किस पँक्ति की तारीफ करूँ? बहुत सुन्दर सार्थक रचना है। काश कि ऐसा हो पाये। लाजवाब रचना के लिये बधाई। नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।
नए स्वप्न हों नयनों में और
अधरों पर हों गीत नए ...
.यही कामना...
नव वर्ष के लियें ढेर सारी शुभ कामनाएँ...डोरोथी सिस...
जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें ...
काश.......!!!!!
लम्बी उंसांस भर सचमुच यही बस तो कहा जा सकता है..
पर ईश्वर से प्रार्थना है कि वे आपकी दुआएं क़ुबूल करें..सभी "काश" को सत्य बनायें...
भावुक कोमल बहुत ही मनमोहक इस रचना के लिए आपका ह्रदय से आभार...असंख्य मनोकामनाओं को आपने सुन्दर शब्दों में अभिव्यक्त कर दिया...
स्वर्णिम भविष्य की ओर यह सफर जारी रहे, यही कामना है।
---------
मिल गया खुशियों का ठिकाना।
वैज्ञानिक पद्धति किसे कहते हैं?
bahut acchhe dorthi......hamaari bhi aisi hi aashaa hai....aur aasha ki yah aashaa kabhi phalibhoot bhi hogi....!!
काश......
कि कहीं गुम न हो पेड़ पत्तियों पंछी और मछलियों का पारदर्शी झिलमिलाता संसार सपनों तक से.!!! नव वर्ष के इन्ही शुभकामनाओं के साथ आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत सुंदर कामनाएं ...... नववर्ष की शुभकामनाएं आपको भी.....
काव्य में आपके पाकीज़ा ख़यालात पढ़ कर
मन में उम्मीद की किरण तो जागी ही है ...
परम पिता परमेश्वर आपकी हर कामना पूरी करें
अस्तु ....
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
जब हमारा जीवन एक नई सृष्टि बन जाए
हमारी उदासीन हॄदयहीन दुनियाओं में
प्रेम का समंदर अनंत काल तक लहराए
उत्तम कामनाओं का उत्कृष्ट भावमय संयोजन।
मेरी कामना है कि कविता में व्यक्त कामनाएं फलित हो जाएं।
काश किसी रोज ऐसी एक सुबह आए
दिन-ब-दिन सिकुड़ती दुनिया और सिकुड़ते दिलों के बीच हम मनुष्य बने रहने का मोल चुकाएं
बहुत सुंदर कल्पना -
काश साकार हो जाये -
पढ़कर ही मन को सकारात्मक आन्दोलन मिल रहे हैं -
बधाई
मेरी भी हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकारें।
---------
पति को वश में करने का उपाय।
मासिक धर्म और उससे जुड़ी अवधारणाएं।
देरी के लिए माफ़ी चाहूंगी dorathy ji
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ...
Dorothy ji kitani sunder aas bhari kawita hai. Nav varsh aisahee ho aameen .
निराशाओं के दावानल में आशा का संचार करती सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकार करें डोरोथी जी| यदि मैं आपका नाम लिखने में ग़लती कर रहा हूँ, तो सुधारने की कृपा करें|
navincchaturvedi@gmail.com
सारे जीवन के एहसासों को उड़ेल कर रख दिया आपने अपनी इस रचना मै बहुत सुन्दर रचना !
आपके विचार बहुत खुबसूरत हैं दोस्त ! जिसमे अपनी ख़ुशी कम और दूसरों की ख़ुशी ज्यादा दिख रही है और आपका खुबसूरत परिचय दे रही है !
amen.
काश ऐसी एक सुबह आए...
बहुत सुन्दर...
कितनी तमन्नाओं को समेट घर बना दिया...
der se aane k liye kshama chahunga...sunder abhivyakti k liye badhai sweekar karen
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