काल की दहलीज पर ठिठका हुआ ये साल
बुझते मन से देख रहा है उस भीड़ को जो
घक्का मुक्की करते गुजर रही है सामने से
उसे अजनबी आंखों से घूरते
बड़ी ही हड़बड़ी और जल्दबाजी में.
उसे याद आते हैं वो पल
जब वो उन लोगों के जीवन में
सांस और धड़कन
संगीत और स्वप्न बन
रच बस गया था
उनके सुख दुख का
हिस्सा बन गया था.
नियति ने तो भेजा था
अपना एक दूत बना कर
खट्टे मीठे सौगातों की पोटली थमाकर
पर पल भर के लिए
मानों सब कुछ भूल गया था
उसका मन भी शायद
जीने को मचल गया था.
बिछुड़ने का दर्द समेटे
ढूंढता है इस वक्त
कोई ऐसा दिल
जो सहेजेगा
उस की यादों को
और करेगा ढेरों बातें
उसके बारे में
धुधलाने या गुमने
न देगा उसे
या उसकी यादों को.
उसे नहीं मालूम कि
उसी भीड़ से निकलेंगे
ढेर सारे कई ऐसे लोग
जो बाद में, काफ़ी बाद तक
उसे याद करेंगे
और करेंगे उसकी बातें
अपनों से या अकेले में
जैसा कि लोग अक्सर करते हैं
सब कुछ बीत जाने के बाद.
क्योंकि अतीत भी उतना ही प्रिय है उन्हें
जिसे जीते है रोज ही सपनों में किस्सो में
जितना लगाव है भविष्य से
जहां जन्मती है नई उम्मीदें और नए नए सपने
और समय के पुल पर से गुजर कर
वे भी तो सभी दुनियाओं में रखते हैं
कदम साथ साथ
सब कुछ को समेट
परिक्रमा करते हैं
अपनी अपनी दुनियाओं में.
उसका बुझा हुआ मन
थोड़ी देर बाद
लोगों से मिले हुए
प्रेम से उमड़ते हुए
अपने प्याले को थाम
शामिल होगा उस जश्न में
और खुशी खुशी लेगा विदा
और फ़िर से दाखिल होगा
उन की जिंदगियों में
एक नया साल बन कर!!
........
........
बुझते मन से देख रहा है उस भीड़ को जो
घक्का मुक्की करते गुजर रही है सामने से
उसे अजनबी आंखों से घूरते
बड़ी ही हड़बड़ी और जल्दबाजी में.
उसे याद आते हैं वो पल
जब वो उन लोगों के जीवन में
सांस और धड़कन
संगीत और स्वप्न बन
रच बस गया था
उनके सुख दुख का
हिस्सा बन गया था.
नियति ने तो भेजा था
अपना एक दूत बना कर
खट्टे मीठे सौगातों की पोटली थमाकर
पर पल भर के लिए
मानों सब कुछ भूल गया था
उसका मन भी शायद
जीने को मचल गया था.
बिछुड़ने का दर्द समेटे
ढूंढता है इस वक्त
कोई ऐसा दिल
जो सहेजेगा
उस की यादों को
और करेगा ढेरों बातें
उसके बारे में
धुधलाने या गुमने
न देगा उसे
या उसकी यादों को.
उसे नहीं मालूम कि
उसी भीड़ से निकलेंगे
ढेर सारे कई ऐसे लोग
जो बाद में, काफ़ी बाद तक
उसे याद करेंगे
और करेंगे उसकी बातें
अपनों से या अकेले में
जैसा कि लोग अक्सर करते हैं
सब कुछ बीत जाने के बाद.
क्योंकि अतीत भी उतना ही प्रिय है उन्हें
जिसे जीते है रोज ही सपनों में किस्सो में
जितना लगाव है भविष्य से
जहां जन्मती है नई उम्मीदें और नए नए सपने
और समय के पुल पर से गुजर कर
वे भी तो सभी दुनियाओं में रखते हैं
कदम साथ साथ
सब कुछ को समेट
परिक्रमा करते हैं
अपनी अपनी दुनियाओं में.
उसका बुझा हुआ मन
थोड़ी देर बाद
लोगों से मिले हुए
प्रेम से उमड़ते हुए
अपने प्याले को थाम
शामिल होगा उस जश्न में
और खुशी खुशी लेगा विदा
और फ़िर से दाखिल होगा
उन की जिंदगियों में
एक नया साल बन कर!!
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40 comments:
किसी भी विषय को आप कुछ अलग अंदाज़ में सोचती हैं और फिर आपकी लेखनी एक सशक्त कविता लेकर हाज़िर हो जाती है। बीतना एक साल का भी उनकी सोच और लेखनी का कमाल है। आपका विचार या मनःस्थिति इस कविता में अधिक कौशल के साथ व्यक्त होती है। भाषा, भाव, और विचार का निर्वाह आपकी विशिष्ट काव्य क्षमता का परिचायक है। इसे पढ़कर ऐसा लगा मानों आपकी अनुभूति, सोच, स्मृति और स्वप्न सब मिलकर काव्य का रूप धारण कर लिया हो।
sach kaha jate hue saal ke liye yahi ehsaas hote hain. sashakt shabdaawali se sajaya.
बेहतरीन!
आशा, निराशा, सुख दुःख, उतार चढाव .. इन सबसे बनता है साल.. जो गया वह भी जो आएगा वह भी.. एक अच्छी कविता..
आने वाले साल के लिये सभी सोचते हैं ,सभी लिखते हैं, लेकिन ऐसे में
जाते हुए साल पर इतनी उम्दा कविता ,मज़ा आ गया पढ़ कर
बहुत ख़ूब!
इस बेहतरीन कविता के लिए आभार डोरोथी जी।
नए साल पर लिखी नए अंदाज़ की कविता बहुत अच्छी लगी.
पिछले बीते वर्षों के दुख का आवरण वहीं उतार कर नया पहन लें, उत्साह और आनन्द वाला, आपको बहुत बहुत शुभकामनायें।
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति -
अतीत की यादें बहुत सुमधुर होती हैं -
नव वर्ष की शुभकामनाएं
bhaavpoorn rachna DOROTHY ji...
mujhe ye lines bahut achhi lagi...
बिछुड़ने का दर्द समेटे
ढूंढता है इस वक्त
कोई ऐसा दिल
जो सहेजेगा
उस की यादों को
और करेगा ढेरों बातें
आशापूर्ण भावयुक भावाभिव्यक्ति...
उसका बुझा हुआ मन
थोड़ी देर बाद
लोगों से मिले हुए
प्रेम से उमड़ते हुए
अपने प्याले को थाम
शामिल होगा उस जश्न में
और खुशी खुशी लेगा विदा
और फ़िर से दाखिल होगा
यही नियति नहीं है क्या?
सुन्दर कविता!
बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
jate huye sal ka bahut sundar manvikaran ..
gahre bhavon ki sundar abhivyakti...
bahut achchhi lagi..
विचार प्रवाह बेहद उन्नत है……………सुन्दर प्रस्तुति।
bilkul sach kaha manoj jee ne......:)
beete hue saal ko kya khub aapne ek dum alag se sabdo me sanjoya hai...:)
naye varsh ki shubhkamnayen....
सुन्दर और प्रवाहमयी रचना . नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाये
वाह....इतनी प्यारी-प्यारी कविताओं से भरा ब्लॉग? आप मेरे ब्लॉग तक पहुँची तो मुझे आपके पास तक पहुँचाने को मौका मिला. बधाई...स्तरीय एवं प्रेरक-लेखन के लिए.
बहुत सुन्दर वर्णन!
उसका बुझा हुआ मन
थोड़ी देर बाद
लोगों से मिले हुए
प्रेम से उमड़ते हुए
अपने प्याले को थाम
शामिल होगा उस जश्न में
और खुशी खुशी लेगा विदा
और फ़िर से दाखिल होगा
उन की जिंदगियों में
एक नया साल बन कर!!
नए साल के शुभागमन पर भावनापूर्ण अभिव्यक्ति..
जाते हुए साल को खूबसूरत बिदाई ......
बिछुड़ने का दर्द समेटे
ढूंढता है इस वक्त
कोई ऐसा दिल
जो सहेजेगा
उस की यादों को
और करेगा ढेरों बातें
ये पन्तियाँ मुझे बहुत अच्छी लगी....
मेरे ब्लॉग तक आने के लिए मेरा हौसला बढाने के लिए शुक्रिया
नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाये
अक्सर,पुरानी स्मृतियां सुखद रूप में ही याद आती हैं,भले ही तत्क्षण वह कितना ही संघर्षमय क्यों न रहा हो। साफ है,हमारा ध्यान वर्तमान की बेहतरी पर नहीं है। फिर यही हश्र होना है।
मैंने इसी पोस्ट पर कल भी एक टिप्पणी की थी जो प्रकाशित दिखती थी। कहां गई?
@राधारमण जी, आपके स्नेहाशीषों के लिए धन्यवाद. आपकी कल वाली टिप्पणी बातों की दुनिया में प्रकाशित हो गई है.
सादर,
डोरोथी.
क्योंकि अतीत भी उतना ही प्रिय है उन्हें
जिसे जीते है रोज ही सपनों में किस्सो में
जितना लगाव है भविष्य से
जहां जन्मती है नई उम्मीदें और नए नए सपने
अतीत होते वर्ष का बेहतरीन चित्रण किया है आपने इस कविता में।
बहुत ही प्रभावशाली रचना।
कविता को नए आयाम दिए है...सुन्दर कविता, साधुवाद.
सुन्दर परिकल्पना. नूतन वर्ष अभिनन्दन !
बेहद ही अच्छी कविता। जाते हुए पलों के से विदा लेते हुए रुककर उसे देखना एक अलग ही एहसास होता है। सारे भावों के साथ उसे देखना उसके बाद एक बार फिर अगले साल में प्रवेश कर जाना..यही नियती है।
आप सभी को भी नववर्ष की ढेरों शुभकामनाये.
हर पल यही है दिल की दुआ आपके लिए
खुशियों भरा हो साल नया आपके लिए...
नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं.
जीवन को समय से जोडती एक सुन्दर रचना
सचमुच इतने लम्बे जीवन में केवल यादों के कुछ पलों की पूंजी ही अन्त में हाथ आती है बाकी सब कुछ वक्त बहा ले जाता है
अरे वाह !
आप तो बहुत अच्छा लिखती हैं ...शुभकामनायें !
NAYA SAAL 2011 CARD 4 U
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please open it
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/”**I**”/
/ “MISS” /
/ “*U.*” /
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“LOVE”
“*IS*”
”LIFE”
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/ “LIFE” /
/ “*IS*” /
/ “ROSE” /
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“ROSE”
“**IS**”
“beautifl”
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/”beautifl”/
/ “**IS**”/
/ “*YOU*” /
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Yad Rakhna mai ne sub se Pehle ap ko Naya Saal Card k sath Wish ki ha….
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !
बहुत ही प्यारे भाव, मजा आ गया पढकर।
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साइंस फिक्शन और परीकथा का समुच्चय।
क्या फलों में भी औषधीय गुण होता है?
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...सच है अतीत कोई कहाँ भूल पाता है
नव वर्ष की शुभकामनायें
चली चली देखो चली चली
इतिहास के पनों मै अपना नाम ................
दर्ज करने 2010 चली !
नव वर्ष की बहुत बहुत बधाई दोस्त !
बहुत ही खुबसूरत भाव !
बधाई दोस्त !
सुन्दर एवं प्रभावशाली रचना . नव वर्ष की हार्दिक सुभकामनाये .
उसे नहीं मालूम कि
उसी भीड़ से निकलेंगे
ढेर सारे कई ऐसे लोग
जो बाद में, काफ़ी बाद तक
उसे याद करेंगे ..
साल के ३६५ दिनों में बहुत कुछ सिमटा होता है ... कहें दर्द तो कहीं ख़ुशी भी होती है ... पर हर गुज़रा वक़्त अछा ही होता है ..... .
आपको और आपके पूरे परिवार को नव वश मंगलमय हो ...
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