उजाला दाखिल होगा दबे पांव
बंद अंधेरे कमरों में
और छोड़ जाएगा जाएगा निशान
किसी शरारती बच्चे सा
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उजाला ढूंढ लेगा
कोई रास्ता
या चोर दरवाजा
फ़िर किसी खुशनुमा झौंके सा
रोप जाएगा खुशियों के जंगल
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उजाले को जीना है
इस दुनिया में
अपनी ही शर्तों पर
उजाला लेगा किसी दिन
इस अंधेरी दुनिया से
अपने दमन का हिसाब !!
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