संभावना बची रहे
आने वाले समयों में
जिंदगियों में हमारे
हंसने की/ गाने की
रोने की/ शोकित होने की
बचपने की/ मूर्खताओं की
पागलपन की/ गल्तियों की
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संभावना बची रहे
महज कंकड़ पत्थर
या तुच्छ कीट कीटाणु
निष्प्राण पाषाण/ या
बर्बर पशु बनते जाने के,
मनुष्य बने रहने की
........
संभावना बची रहे
इस आपाधापी/ कोलाहलमय
जीवनों में
आकाश की ओर ताकने की
और लहरों को गिनने की
हमारी उबड़खाबड़ जिंदगियों में
स्नेह, संवेदना एव करूणा की
कोमल कलियों के खिलने की
........
संभावना बची रहे
जीवनों के
खिलने की/ पनपने की
सपने देखने की
नई सृष्टि रचने/ बनने की
मनों के/ अंधेरे
सर्द/ सूने गलियारों में
सूरज के किरणों के
अल्हड़ ताका झांकी की
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संभावना बची रहे
तमाम दुश्मनी और दूरियों को भूलकर
आपस में/ एक दूसरे के लिए
महज मूक दर्शक/ तमाशबीन बने रहने के
दर्पण और दीपक बनने की
हमसफ़र और रहनुमा बनने की
........
संभावना बची रहे
हमारी सुविधाभोगी, मौका परस्त
मतलबी, हिसाबी किताबी जिंदगियों में
कभी कभार, यूं ही
बेमकसद/ बेवजह जीने की
दूसरों को अपने किसी स्वार्थ सिद्धि हेतु
महज साधन या सीढ़ी सा
इस्तेमाल करने की बजाए
उन्हें भी खुद सा समझने की
........
संभावना बची रहे
कटु कर्णभेदी शोरगुल के
आदी/ अभ्यस्त हमारे मनों में
कोमल/ निशब्द/ शब्दहीन बातों के
पारदर्शी रूप छटा को
समझने/ पहचानने की
जुबान की दहलीज पर ठिठके/ सहमे
शब्दमाला से कोई सुंदर सा गीत पिरोने की
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संभावना बची रहे
अर्धसत्यों/ षडयंत्रो
छल प्रपंचो के
काई पटे कीच में
डूबते/ उतराते
महज सांस भर ले पाने की
........
भागमभाग के जिन्न के
पंजो मे दबोची हुई जिंदगियों के
सांस थमने से पहले
मिले फ़ुर्सत पल भर को
भरपूर सांस ले
अपना अपना जीवन
जी पाने की
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संभावना बची रहे
मिटने/ खत्म होने हम में
छोटे छोटे स्वार्थों के लिए
गिरते हुओं को रौंदकर
सबसे आगे निकलने की प्रवृत्ति का
दूसरे की कीमत पर
खुद को बेहतर सिद्ध करने का
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संभावना बची रहे
आने वाले समयो में
अंधेरे अंतहीन ब्लैकहोल (श्याम विवर) में
गर्क होती जिंदगियों की विरासतों का
नक्षत्र/ नीहारिकाएं और
अनगिन रोशनी की लकीरें बन
अंतरिक्ष में जगमगाने का !!
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12 comments:
बहुत सुंदर कविता है.
संभावना बची रहे
आने वाले समयो में
अंधेरे अंतहीन ब्लैकहोल (श्याम विवर) में
गर्क होती जिंदगियों की विरासतों का
नक्षत्र/ नीहारिकाएं और
अनगिन रोशनी की लकीरें बन
अंतरिक्ष में जगमगाने का !!.....
आशा से पूर्ण भविष्य की एक सुन्दर कामना..बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..आभार...
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
bhavpoorna rachana .........shabda shabda dil me utar gaya ...........ek achchhi rachana ke liye dhanyavaad
फीनिक्स के बिम्ब क लेकर यह अच्छी कविता है ।
बहुत उम्दा शब्द चयन..... कमाल का लिखा है आपने..... शुभकामनायें....
आमीन!
आशीष
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प्रायश्चित
दूसरे की कीमत पर
खुद को बेहतर सिद्ध करने का
शायद पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूं। अफ़सोस हो रहा है कि पहले क्यों नहीं आया। बाक़ी के १२ पोस्ट भी पढूंगा।
प्रस्तुत कविता कथ्य और शिल्प दोनों मामलों में बेजोड़ है। कविता बुनने का आपका कौशल सधा हुआ है। समकालीन विसंगतियों और विद्रूपता का उद्घाटन अत्यंत संश्लिष्टता से इस तरह की है आपने कि उसका प्रभाव बहुत देर तक मथते रहता है।
महाअष्टमी के पावन अवसर पर अनंत शुभकामनाएं!
आत्म-मंथन करने को विवश करती उच्च स्तरीय रचना के लिए हार्दिक बधाई.
'संभावनाएं बची रहें' आशावादी दृष्टीकोण को दर्शाती आपकी कविता अच्छी लगी.
कुँवर कुसुमेश
संभावना बची रहे
इस आपाधापी/ कोलाहलमय
जीवनों में
आकाश की ओर ताकने की
और लहरों को गिनने की
हमारी उबड़खाबड़ जिंदगियों में
स्नेह, संवेदना एव करूणा की
कोमल कलियों के खिलने की
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बहुत सुंदर रचना
आशावाद का अच्छा उदाहरण
आप सभी सुधिजनों को मेरी रचना सराहने और उत्साहवर्धन एवं शुभकामनाओं के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
आशा है आगे भी आपका स्नेह, सहयोग और मार्गदर्शन मिलता रहेगा.
सादर,
डोरोथी.
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